उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 10 मई 2023 को अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत निजी कंपनियों को विभिन्न प्रोत्साहनों के साथ ही कौशल विकास सब्सिडी (subsidy for ev manufacturing) देने की घोषणा की।
जिसके मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं,
- राज्य में ईवी निर्माण में निवेश करने वाली कंपनियों को कौशल विकास सब्सिडी प्रदान की जाएगी। सभी परिभाषित विनिर्माण परियोजनाओं के लिए वजीफा की प्रतिपूर्ति के रूप में अधिकतम 50 कर्मचारियों को प्रति वर्ष प्रति कर्मचारी 5,000 रुपये की एक बार की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- इसके अतिरिक्त, एक विशेष वर्ष में अधिकतम 10 कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए भी subsidy का भुगतान किया जाएगा ।
- सभी प्रोत्साहन लाभ ईवी नीति में किए गए प्रावधान के अनुसार वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने के बाद ही प्रदान किए जाएंगे। विनिर्माण परियोजनाओं के लिए सभी वित्तीय प्रोत्साहनों का योग निश्चित पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
- यह प्रोत्साहन केवल उन कर्मचारियों पर लागू होगा जो प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने से पहले 12 महीने की अवधि के लिए आवेदक निर्माण इकाई में कार्यरत हैं।
- इस subsidy के लिए पात्र होने के लिए, यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय कौशल विकास निगम या उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन या किसी केंद्रीय / राज्य विश्वविद्यालय / कॉलेज या आईटीआई / पॉलिटेक्निक द्वारा प्रमाणित होना चाहिए।
- इस नीति के तहत जिन परियोजनाओं को नीति के अंतर्गत प्रोत्साहन हेतु राज्य सरकार से कम्फर्ट लेटर मिला है, उनके लिए ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के सिद्धांत को लागू किया जाएगा।
राज्य में बड़े पैमाने पर ईवी मैन्युफैक्चरिंग में निवेश के लिए एमओयू साइन किये गये है. यूपी में ईवी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भारतीय कंपनियां ही नहीं बल्कि विदेशी कंपनियां भी निवेश करना चाहती हैं। सबसे बड़ा निवेश हॉंगकॉंग स्थित ‘टॉशन इंटरनेशनल लिमिटेड’ नाम की कंपनी कर रही है । इसके अतिरिक्त आर.जी.स्ट्रेटेजी ग्रुप और कोसिस ग्रुप भी निवेश समझौतों पर हस्ताक्षर करने वाले बडे निवेशक हैं।
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